महाभारत काल मे राजभर
अब तक हम जैसे जान चुके है राजभर का आदिवंश या जड वंश नागवंश था जो आगे चलकर राजभर,भर,राय अदि मे स्थानतरित हो गया।हिंदू पौराणिक ग्रंथ पर गौर करें तो महाभारत में उल्लेखित है कि पांडु पुत्र अर्जुन ने नागकन्या उलूकी से विवाह किया था। अर्जुन और उलूकी के पुत्र अरावन थे, जिनके कई मंदिर दक्षिण भारत में मौजूद हैं। भीम के पुत्र घटोत्कच का विवाह भी एक नागकन्या से ही हुआ था जिसका नाम अहिलवती था और जिसका पुत्र वीर योद्धा बर्बरीक था।
किंवदंतियों के अनुसार नाग प्रजाति के मानव कश्मीर में निवास करते थे। आज भी कश्मीर के बहुत से स्थानों के नाम नागकुल के नामों पर ही आधारित हैं, जैसे अनंतनाग शहर, शेषनाग झील। बाद में नागकुल के लोग झारखंड और छत्तीसगढ़ में आकर बस गए थे, जो उस काल में दंडकारण्य कहलाता था।
अब तक हम जैसे जान चुके है राजभर का आदिवंश या जड वंश नागवंश था जो आगे चलकर राजभर,भर,राय अदि मे स्थानतरित हो गया।हिंदू पौराणिक ग्रंथ पर गौर करें तो महाभारत में उल्लेखित है कि पांडु पुत्र अर्जुन ने नागकन्या उलूकी से विवाह किया था। अर्जुन और उलूकी के पुत्र अरावन थे, जिनके कई मंदिर दक्षिण भारत में मौजूद हैं। भीम के पुत्र घटोत्कच का विवाह भी एक नागकन्या से ही हुआ था जिसका नाम अहिलवती था और जिसका पुत्र वीर योद्धा बर्बरीक था।
किंवदंतियों के अनुसार नाग प्रजाति के मानव कश्मीर में निवास करते थे। आज भी कश्मीर के बहुत से स्थानों के नाम नागकुल के नामों पर ही आधारित हैं, जैसे अनंतनाग शहर, शेषनाग झील। बाद में नागकुल के लोग झारखंड और छत्तीसगढ़ में आकर बस गए थे, जो उस काल में दंडकारण्य कहलाता था।
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